किसी ने गुलफाम साहब से खोए हुए 'आत्मविश्वास' को जगाने का फार्मूला पूछा
तो वह मुस्करा कर बोले, "सबसे पहले कुर्सी पर अकड़ कर बैठ जाओ।
फिर धीमी आवाज में बार-बार बोलो, मुझमें साहस है, शक्ति है, हिम्मत है बल है।"
“धीमी आवाज में बोलने की क्या जरूरत है?
क्या मैं तेज आवाज में नहीं बोल सकता।"
दूसरे ने "अगर तुम तेज आवाज में बोलोगे तो लोग कहेंगे कि यह तो पागल है।
इसे किसी मनोरोग विशेषज्ञ के पास ले जाओ।"
गुलफाम साहब ने अपने अनुभव की मिसाल देते हुए बताया।
मरीज,“मुझे कोई बात एक मिनट के लिए याद नहीं रहती।"
डाक्टर, "ऐसा कब से है?" मरीज, "क्या कब से है?"
"वह काफी रोमांचक मैच था।
बाऊंसरों से हमारे कई बल्लेबाज घायल हो चुके थे।
कइयों को अस्पताल ले जाना पड़ा लेकिन मजाल कि
जो कोई गेंद मुझे छू पाती। मुझे वे अंतिम समय तक जख्मी नहीं कर सके।
"एक खिलाड़ी ने अपने दोस्त के सामने डींग हांकी।
"ऐसा कैसे?"श्याम सुंदर ने हैरानी से पूछा।
"इसलिए कि मैं उस टीम का बारहवां खिलाड़ी था।"
खिलाड़ी का जवाब था।
भारत एक है' विषय पर विचार गोष्ठी थी।
एक मोटे व्यक्ति ने अपने विचार सुनाए,
“सज्जनो जब मैं पंजाब गया तो लोग मझे देख कर हंसते थे।
जब मैं महाराष्ट्र गया तो वहां भी लोग मुझे देख कर हंसते थे।
जब मैं दक्षिण में गया तो वहां भी लोग मुझे देख कर हंसते थे।
इससे सिद्ध हो गया है कि भारत एक है।"
टीचर, "बारिश से पहले बादल क्यों गरजते हैं?"
प्रथम," ताकि घर में अगर बेसन, प्याज,
मिर्च या दूसरा राशन नहीं है तो ले आओ।"
0 Comments